वायरल शायरी: हमारे जीने का अलग अंदाज़ है, एक आंख में आंसू...
हमारे जीने का अलग अंदाज़ है
एक आंख में आंसू और दूसरे में ख़्वाब है
2
सख़्त रातों में आसान सफ़र लगता है
यह मेरी मां की दुआओं का असर लगता है
3
दुश्वार काम था ग़म को समेटना
मैं ख़ुद को बांधने में कई बार खुल गया
4
तजुर्बा कहता है मोब्बत से किनारा कर लूं
दिल कहता है कि ये तजुर्बा दोबारा कर लूं
5
वो भी रो देगा उसे हाल सुनाएं कैसे
मोम का घर है चराग़ों को जलाएं कैसे
6
यूं तो हमने घूम लिया सारा जहां
लेकिन तेरी गली की बात ही कुछ और है
7
हमदर्दी न करो मुझसे ऐ मेरे हमदर्द दोस्तों
वो भी बड़ा हमदर्द था जो दर्द हजारों दे गया
8
एक खून के रंग ने रंग नहीं बदला
वर्ना सारे रिश्ते जहां के बेरंग हो गए
9
ठंड की रात भी दुशाला ओढ़ रही थी चांदनी का कुहरे के साए में
ये चांद की मोहब्बत थी जो पाकीज़ा बनकर धरती पर उतरी थी
10
यूं तो फरिश्तों ने भी एक फ़रिश्ते का साथ छोड़ दिया
अजीब इतेफाक था उसको भी किसी से 'इश्क़' हुआ था।
(ये शायरी इंटरनेट की दुनिया में लोकप्रिय है। इनके रचनाकार का नाम पता नहीं चल सका। अगर आपको लेखक का नाम मालूम हो तो ज़रूर बताएं। शायरी के साथ शायर का नाम लिखने में हमें ख़ुशी होगी।)
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